Free Download Makdi Ka Jaal Vicky Anand Hindi Novel Pdf
वह समझ नहीं पा रही थी कि वह जाग रही है या सोते-सोते कोई घिनौना सपना देख रही है। कुछ देर बाद उसका समूचा अस्तित्व, समूची देह किसी आवरण में छिप गई। और फिर उसकी चेतना जैसे गहरी घाटी में गुम होती चली गई।…