Free Download Bhayanak Mahal Vicky Anand Hindi Novel Pdf
“कितना अजीब इत्तफाक है सूरज ! कल तक हम एक-दूसरे से नितांत अपरिचित थे और आज कितने करीब हैं। कल अगर तुम ठीक वक्त पर वहां न पहुंच गए होते तो वो बदमाश न जाने मेरा क्या हाल करते। कैसी दुर्गति बनाते। मैं…