Free Download Bhagoda Apradhi Ved Prakash Kamboj Hindi Novel Pdf
रात अंधेरी है नभ में घनेरी है लोग-बाग सब सोए पड़े हैं जो जागे सो नग से जड़े हैं चौकीदार भी तेज बड़े हैं पाये बैठे और पाये खड़े हैं हम अपनी किस्मत से लड़े हैं इसीलिए सरे राह पड़े हैं विजय इस कमी को…