Free Download Ullu Ka Pujari Dinesh Thakur Hindi Novel Pdf
वे चारों गनर जिन्होंने मुझे अपनी-अपनी गन की नाल पर ले रखा था, स्वयं उनका ध्यान एक क्षण के लिये उस पुजारी की ओर चला गया था जिसे रोहित की लात ने मुंह के बल गिराया था। उन गनर्स ने अचानक मेरी और से उठने वाले उस एक्शन को देखा तो बौखला उठे। तड़ाक ! बिजली की सी चमक की तरह मैंने दाहिनी ओर वाले गनर के घुटने पर हाथ मारा। अपने शेष तीनों साथियों की तरह वह स्वयं भी गिरा और फिर जितनी देर में वह सम्भल पाता मैंने उसकी गन पर अपना कब्जा करते हुए उसकी नाल को घुमा दिया। धांय! गोली की आवाज के साथ ही गनर चीखता हुआ पलट गया। धांय…. धांय । उसी समय ठीक पीछे से पुजारी ने मेरी ओर फायर कर दिया । सचमुच मेरा नसीब मुझ पर मेहरबान था वरना मेरी मोत में किसी तरह की कोई कसर नहीं रह गयी थी। गोलियां मेरे सिर को छूती हुई निकली थीं….मगर उसी के साथ-साथ सच यह भी था कि स्वयं पुजारी का एक गनर उस अन्धी फायरिंग की भेंट चढ़ बड़े भयानक भाव से में पलटी । गया। फिर पलक भी न झपकी थी कि तभी मेरी गन से निकलने वाली गोली पुजारी के पेट में जा धंसी । पड़ा । वह चीखता हुआ पीछे पलटकर पुनः रोहित के पैरों के पास जा और रोहित, जो पहले से ही पागल हो रहा था, उसने पुजारी के सिर को अपने पैरों की रेंज में देखा तो तुरन्त उसके दोनों जूतों के तलुए उसके चेहरे तथा गर्दन पर जम गये । ठीक उसी समय हॉल के गेट के करीब खड़े एक गनर ने रोहित पर फायर कर दिया ।
Name: Ullu Ka Pujari
Format: PDF
Language: Hindi
Pages: 292
Size: 32 MB
Novel Type: Thriller Suspense, Jasoosi
Series: Reema Bharati
Writer: Dinesh Thakur