Free Download Makdi Ka Jaal Vicky Anand Hindi Novel Pdf
वह समझ नहीं पा रही थी कि वह जाग रही है या सोते-सोते कोई घिनौना सपना देख रही है। कुछ देर बाद उसका समूचा अस्तित्व, समूची देह किसी आवरण में छिप गई। और फिर उसकी चेतना जैसे गहरी घाटी में गुम होती चली गई। काफी देर के बाद जब उसकी चेतना कुछ लौटी तो उसे लगा जैसे स्याह लबादे में लिपटी किसी मानव आकृति ने उसे अपनी बांहों में भरकर आकाश की ओर उछाल दिया हो । कुछ पल उसका बदन हवा में लहराता रहा और फिर किसी चट्टान से इतनी जोर से जा टकराया कि उसकी बची-खुची चेतना गहरी बेसुधी में डूब गई । उसके होंठों से हल्की से चीख तक नहीं निकल पाई।
Name: Makdi Ka Jaal
Format: PDF
Language: Hindi
Pages: 397
Size: 40 MB
Novel Type: Thriller & Suspense, Jasoosi
Writer: Vicky Anand