Free Download Mahasangram Antim Yudh Shivendra Suryavanshi Hindi Novel Pdf
देवताओं और दैत्यों के युद्ध में, देवताओं को हानि से बचाने के लिये, महादेव ने ‘नागदंत कथा’ का सृजन किया। यही नागदंत कथा आगे जाकर ‘समुद्र-मंथन’ का पर्याय बनी और इसी समुद्र-मंथन के पश्चात्, उससे निकले ‘हलाहल’ से, एक दिव्य पुरुष ‘नीलाभ’ की उत्पत्ति हुई। महादेव ने इस नागदंत कथा की सुरक्षा का भार उठाने के लिये, सप्ततत्वों से बनी सप्तपुस्तकों का निर्माण किया। यह सभी सप्तपुस्तकें पृथ्वी के अलग-अलग दुर्गम भागों में छिपा दी गईं। ब्रह्मांड अनंत है और इस अनंत ब्रह्मांड में करोड़ों-अरबों आकाशगंगाएं हैं। इन्हीं आकाशगंगाओं में कुछ ग्रह ऐसे भी हैं? जहां पर पृथ्वी की ही भांति जीवनधारा बहती है। ब्रह्मांड के सृजन का रहस्य मनुष्य ही नहीं, अपितु अनंत ब्रह्मांड में छिपे असंख्य जीव भी जानना चाहते हैं। इन्हीं जीवों में से कुछ अंतरिक्ष के जीव, ब्रह्मांड का सृजन करने वाली दिव्य शक्तियों को लेने के लिये पृथ्वी तक आ पहुंचे। परंतु इन दिव्य शक्तियों की सुरक्षा का भार ब्रह्मांड रक्षकों के हाथों में था। कहते हैं कि महाविनाश के बाद नवसृजन की शुरुआत होती है और उस महाविनाश से पहले महासंग्राम की पटकथा लिखी जाती है। कुछ ऐसी ही पटकथा अंतरिक्ष के जीवों और ब्रह्मांड रक्षकों के मध्य लिखी गई, जिससे एक ऐसे महासंग्राम की उत्पत्ति हुई
Name: Mahasangram : Antim Yudh
Format: PDF
Language: Hindi
Pages: 369
Size: 13.5 MB
Series: Ring of Atlantis Part 8
Novel Type: Fantasy
Writer: Shivendra Suryavanshi