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Jurm Ki Hukumat Ved Prakash Kamboj Hindi Novel

“जो सांप का फन उतने मे पहले नहीं कुबल सकता, गलती उसकी मानी जाती है शाक्तिसिंह | ” “मैंने बहुत कोशिश की थी……. “जो कोशिश कामयाव न हो उसकी कोई अहमियत नहीं होती।” चौबे जी ने उसे बात पूरी करने का मौका दिए बिना कहा- “इस बात की कोई अहमियत नहीं है कि तुमने क्या किया? अहमियत इस बात की है कि नतीज क्या निकल। अगर नतीजा गलत निकलता हे तो इसका साफ मतलब है कि जो कुछ तुमने किया वह सब गलत था । ” शक्तिसिंह ने कुछ कहने के लिए मुंह खोला तैकिन चौबे जी ने उसे बोलने का मौका दिए बिना अपनी बात चालु रखी। “हम दोनों के बीच के फर्क है उसे तुम्हें अच्छी तरह समझ लेना चाहिए शक्तिसिंह हम राजनेताओं का नाम जितनी बार भी अखबार में छपता है उससे हमारी पोजीशन साउन्ड बनती है। हमारा नाम अखबारों में बार-बार छपने का मतलब है कि हमारी ताकत बढ़ रही है जबकि तुम जैसे लोगों का नाम अखबारों में आने का मतलब हे खतरे की घंटी बज गई। अगर तुम्हरा नाम बार-बार अखबारों में आने लगे तब ते समझो कि पूरी तरह से जड़ खुदने का मौका आ गया है। ऐसे आदमी को अपने कफन दफन का इन्तजाम कर लेना चाहिए।”

Name: Jurm Ki Hukumat
Format:   PDF
Language: Hindi
Pages: 338
Size: 34 MB

Novel Type: Thriller & Mystery

Writer: Ved Prakash Kamboj

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1 Comment
  1. Ram says

    Hello Friends,
    Can you please upload Vijay Raghunath series novels by Ved Prakash Kamboj & Ved Prakash Sharma, Also upload Jagat Rajesh series novels by Om Prakash Sharma.

    Thanks,

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