Free Download Haveli Me Hungama Ved Prakash Kamboj Hindi Novel Pdf
गूंजती हुई चीख की एक तेज आवाज ने उस समय अखिलेश को बुरी तरह चौंका दिया जब वह हवेली के सामने रिक्शे से उतर कर उसे पैसे देने के बाद अटैची सहित हवेली में प्रविष्ट होने के लिए उसके मुख्य द्वार की ओर बढ़ रहा था। वह किसी महिला की हृदयविदारक चीख थी, जिसे सुनते ही अखिलेश ने हाथ की अटैची को छोड़ा और तेजी के साथ भीतर की ओर भाग लिया। सूर्यास्त हो चुकने के कारण बाहर की अपेक्षा भीतर कहीं ज्यादा अंधेरा था । किन्तु फिर भी ऐसा गहन अंधकार नहीं था कि कुछ दिखाई ही ना दे । तेजी के साथ दौड़कर वह बीच के सहन को पार करके हवेली की मुख्य इमारत में प्रविष्ट हुआ ही था उसे नीम अंधरे में घबराई हुई सी एक और चीखती-चिल्लाती भागकर अपनी ओर आती दिखाई दी।
उस औरत ने भी शायद उसे देख लिया था। क्योंकि उसे देखते ही वह एकदम तेजी से पलटी और पहने से भी अधिक हृदयविदारक स्वर में चीखती हुई दूसरी तरफ को भाग ली ।
Name: Haveli Me Hungama
Format: PDF
Language: Hindi
Pages: 52
Size: 6 MB
Novel Type: Thriller & Mystery, Jasoosi
Writer: Ved Prakash Kamboj