Free Download Chandrahaar Ke Chor Ved Prakash Kamboj Hindi Novel Pdf
आज का अखबार तो आपने पढ़ा होगा?’ मालती का सीधा सवाल सुनकर राधा देवी के चेहरे पर विषाद की काली छाया घिर आई और फिर एक दीर्घ निःश्वास के साथ बोली- ‘तुम भी मेरे जख्मों में नश्तर चुभाने आई हो?’ ‘मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं है आंटी’ मालती बोली- ‘आप जानती हैं कि फूफा की किसी ने हत्या कर दी है और इस अपराध मे पुलिस ने जय को गिरफ्तार कर लिया है।’ ‘मालूम है मुझे।’ भारी और थकी-सी आवाज में राधा देवी ने कहा- ‘जय चाहे और कुछ भी कर दे लेकिन किसी की हत्या नहीं कर सकता और वह भी अपने पिता की ? असम्भव। उसका दिल तो इतना कोमल है कि दूसरों के दुख से दुखी हो उठता है वह ।’ ‘एक खास बात तो अपने नोट की होगी, कि सारी घटना उसी तरह घटी है जिस तरह बीस साल पहले घटी थी।’ मालती बोली- ‘वे ही दो नकाबपोश… एक लम्बा… एक ठिगना.
Name: Chandrahaar Ke Chor
Format: PDF
Language: Hindi
Pages: 392
Size: 43 MB
Novel Type: Thriller & Mystery, Jasoosi
Writer: Ved Prakash Kamboj