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Mayavan Ek Rahasyamay Jungle Shivendra Suryavanshi Hindi Novel

माया सभ्यता अमेरिका की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में गिनी जाती है, जिसके प्राप्त अवशेषों में भगवान शिव, गणेश और नरसिंह आदि देवताओं की मूर्तियां प्रचुर मात्रा में पायी गयी हैं। भारतवर्ष से इतनी दूर आखिर कैसे हिंदू सभ्यता विकसित हुई? यह आज भी रहस्य बना हुआ है। कुछ पुरातत्वविद् माया सभ्यता का सम्बन्ध दैत्यराज मयासुर से जोड़ते हैं। मयासुर, एक ऐसा दैत्य, जिसे उसके अद्भुत निर्माणकार्य के लिये देवताओं ने भी सराहा। तारकासुर के समय में ‘त्रिपुरा’नामक 3 भव्य नगरों का निर्माण, दैत्यराज वृषपर्वन के लिये बिंदुसरोवर के निकट अद्भुत सभाकक्ष का निर्माण, रामायणकाल में रावण के लिये सोने की लंका का निर्माण एवं महाभारतकाल में पांडवों के लिये, खांडवप्रस्थ के वन में अकल्पनीय इन्द्रप्रस्थ का निर्माण मयासुर की अद्भुत शिल्पकला की कहानी कहतें हैं। रावण की पत्नि मंदोदरी का पिता मयासुर, वास्तुशिल्प और खगोलशास्त्र में प्रवीण था। खगोलशास्त्र के क्षेत्र में मयासुर ने भगवान सूर्य नारायण से विद्या सीखकर ‘सूर्य सिद्धान्तम’की रचना की। आज भी हम ज्योतिष शास्त्र की गणनाएं सूर्य सिद्धान्तम के आधार पर ही करते हैं। महादेव के इस परमज्ञानी शिष्य ने किस प्रकार की ये अद्भुत रचनाएं? क्या भगवान शिव की पारलौकिक शक्तियां मयासुर के पास थीं? तो दोस्तों तैयार हो जाइये, इस कथानक के अद्भुत संसार में डूब जाने के लिये, जहां का हर एक दृश्य आपको वस्मीभूत कर देगा। हिमालय की गुफाओं से माया सभ्यता तक, ग्रीस के ओलंपस पर्वत से अंटार्कटिका की बर्फ की चादर तले फैले, एक अविश्वसनीय और अद्वितीय कथानक को पढ़ने के लिये।

Name: Mayavan : Ek Rahasyamay Jungle
Format: PDF
Language: Hindi
Pages: 349
Size: 9.5 MB

Series: Ring of Atlantis Part 3
Novel Type:  Fantasy

Writer:  Shivendra Suryavanshi

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