Free Download Jasusi Kahaniya Ved Prakash Kamboj Hindi Novel Pdf
मेरे सिपाही जीवन का पहला ही दिन था जब कुख्यात तुटेरा मंसूर पकड़ा गया। पुलिस स्टेशन में हम सब उसे घेरे हुए थे। उसके सिर के बाल बिखरे हुए थे और उसके बिना दांतों के पोपले मुंह पर उस हालत में भी कोई खास परेशानी के भाव नहीं थे बल्कि उसकी आंखों में एक शरारती चमक थी। उसे एक अधेड़ व्यक्ति कृपा शंकर और उसकी पत्नी सरला ने पकड़ा था। उन दोनों के ही बयान कलमबंद किए जा चुके थे।
“जैसे ही यह मेरी दुकान में घुसा, वैसे ही मैं इसके इरादे को भांप गया था। ” कृपा शंकर ने अपनी सिगरेट का कश लेत हुए कहा- “इसकी चाल-ढाल ही शरीफ आदमियों जैसी नहीं थी। तब अंधेरा हुआ ही था। दुकान में उस समय में अकेला ही था। मैंने नई वस्ती में अभी पिछले साल ही मकान बनाया है। उसके बाहरी हिस्से में ही मैंने बेकरी की दुकान खोल रखी है। आपने देखा ही होगा कि मेरी दुकान नई बस्ती की सबसे शानदार दुकान है। लेकिन चूंकि अभी बस्ती पूरी तरह से नहीं बनी है, इसलिए दिन में तो अच्छी ग्राहकी हो जाती है, लेकिन रात में इक्का-दुक्का ग्राहक ही आते हैं फिर भी मैं कभी रात के दस बजे से पहले दुकान बंद नहीं करता। आखिरकार शटर गिराकर घर में ही तो घुस जाना है मुझे और घर
आपका बयान लिया जा चुका है मि० कृपा शंकर ।” इन्सपेक्क्टर रुद्र प्रताप ने उसकी वाचालता को ब्रेक लगाते हुए कहा- “उसके मुताबिक लगभग सात बजे, यानी अब से आधा घंटा पहले यह आदमी आपकी दुकान में प्रविष्ट हुआ
Name: Jasusi Kahaniya
Format: PDF
Language: Hindi
Pages: 46
Size: 6.1 MB
Novel Type: Thriller & Mystery, Jasoosi
Writer: Ved Prakash Kamboj