Free Download Chipkali Inka Parshuram Sharma Hindi Novel Pdf
इन्का के संशोधित संस्करण से पूर्व मुझे कुछ नया सिलसिला शुरू करने का अवसर मिला तो मुझे एहसास हुआ कि कुछ चीजें छूट गई हैं अतः उन बातों का विश्लेषण आवश्यक समझा। अतः छिपकली इन्का पर बेहतर तरीके से प्रकाश डाल रहा हूँ। मैं परशुराम शर्मा इस कथा का लेखक हूँ और सर्वप्रथम यह घोषित करता हूँ कि तंत्र-मंत्र का अस्तित्व आज भी संसार में मौजूद है, मनोज जैसे किरदार इस संसार में मौजूद हैं। जैसा कि मैं आपको पहले बता चुका हूँ कि मनोज से मेरी पहली मुलाकात स्यालदाह एक्सप्रेस में हुई। मेरा सफर रुड़की से शुरू हुआ था और मुझे कता जाना था। प्रथम श्रेणी में मेरी टिकट आरक्षित थी और जब मैं अपने केबिन में पहुंचा तो मनोज पहले से वहां मौजूद था और बिना टिकट सफर कर रहा था। मुझे उसकी शख्सियत में कोई कहानी नजर आई। अतः मैंने उसकी टिकट कोलकाता तक की बनवा ली।
कुछ देर के वार्तालाप के बाद हम एक दूसरे से न सिर्फ अच्छी तरह परिचित हो गए वरन एक दूसरे से घुल-मिल भी गए। मनोज ने जो मुझे आत्मकथा सुनाई, मुमकिन है कि वह काल्पनिक हो पर थी बेहद रोमांचक और दिलचस्प | उस कथा का प्रारम्भ ही बहुत रोचक और रोमांचकारी था। यह दास्तान मनोज के बचपन से शुरू होती है। गरीबी के कारण मनु के माँ-बाप ने सात-आठ साल के बच्चे को एक तांत्रिक के हाथो बेच दिया। वह उस परिवार का सबसे छोटा बच्चा था। तांत्रिक डमरू इन्का को सिद्ध करना चाहता था। जिसके लिये उसे एक इंसानी बलि चढ़ानी थी। जब मनु की बलि चढ़ाई जा रही थी तो सारा दृश्य ही बदल गया। डमरू का जो शिष्य मनु का सिर काटने जा रहा था उसने मनु को तो छोड़ दिया और चक्रधर का सिर काट दिया। चक्रधर ही मनु को खरीद कर लाया था। फिर वह डमरू के पीछे लपका। डमरू जंगल में भाग गया। उसके बाद मनु वहां से गिरते पड़ते भागा और एक तालाब के किनारे जाकर बेहोश हो गया। कुछ गांव वालों ने उसे अनाथाश्रम में पहुंचा दिया।
Name: Chipkali Inka
Format: PDF
Language: Hindi
Pages: 153
Size: 2 MB
Series: Inka Series Part 3
Novel Type: Fiction, Fantasy, Horror
Writer: Parshuram Sharma