Free Download Inka Ka Tandav Parshuram Sharma Hindi Novel Pdf
“मुक्तसर सी जिंदगी है. कुछ रेल में कट जायेगी, कुछ जेल में … यह जुमला मुझे आज भी याद है । इन्का के इस कथानक को आगे बढ़ाने से पहले मैं परशुराम शर्मा आपसे रूबरू हूँ और कुछ चीजें आपसे शेयर करना चाहता हूँ। मनोज (मनु) की जुबानी मैंने सीधे ही इस कथानक की शुरुआत कर दी, लेकिन इसके कुछ पहलू उजागर नहीं किये। अब जबकि मनोज की जंग खौफनाक तांत्रिकों से होने जा रही है तो मैं अपने तौर पर इस पर रौशनी डालना जरुरी समझता हूँ। मनु का पूरा नाम मनोज ठाकुर था। इस शख्स से मेरी मुलाकात संयोगवश हुई थी। बात तब की है जब मेरे चंद उपन्यास खासे लोकप्रिय हो गए थे और लोग राह चलते मुझे शक्ल से पहचानने लगे थे, लिहाजा मैंने कुछ सावधानियां बरतननी शुरू कर दी और अपने स्टेट्स को ध्यान में रखते हुए तय किया कि मैं जब भी एक शहर से दूसरे शहर यात्रा पर निकलूंगा तो ट्रेन में प्रथम श्रेणी में ही यात्रा करूँगा । यानि यह मेरा रूटीन बन गया। कथानक के ताने-बाने बुनने के लिये मैं जीते जागते किरदारों की तलाश में रहता था। और मनोज से भी मेरी मुलाकात एक जीते जागते किरदार के रूप में हुई थी। मैं सियालदह एक्सप्रेस से कलकत्ता के लिये रवाना हुआ। ट्रेन मैंने रुड़की से पकड़ी थी। शाम के सात बजे थे जब मैं ट्रेन में सवार हुआ मेरी टिकट प्रथम श्रेणी में पंजीकृत थी। मैं ट्रेन में बने उस केबिन में पहुंचा जिसमे मेरी सीट आरक्षित थी। मैंने देखा वहां एक शख्स पहले से बैठा था। शायद वह पीछे से यात्रा करता आ रहा था। वह शख्स शक्ल सूरत और लिबास से हरगिज प्रथम श्रेणी से सफर करने वाला पैसिंजर नहीं लग रहा था। उसने एक पुराना सा कम्बल लपेटा हुआ था और उसकी दाढ़ी और बाल झांगर की तरह उगे हुए थे। उसने अपने बाजू में सीट पर एक पोटली रखी हुई थी। उसने मेरी तरफ कोई नोटिस नहीं लिया। वह आँखे मूंदे या सो रहा था या किसी ख्याल में गुम था ।
Name: Inka Ka Tandav
Format: PDF
Language: Hindi
Pages: 168
Size: 2 MB
Series: Inka Series Part 2
Novel Type: Fiction, Fantasy, Horror
Writer: Parshuram Sharma