Free Download Binod Aur Halaku Parshuram Sharma Hindi Novel Pdf
अतीत के बारे में सोच रहा था बीड इन्सान के बारे में सोच रहा था जिससे में दूर-दूर रहना चाहता था जसियत अचान एक ऐसे मोड़ पर मेरी जिन्दगी में दाखिली थी जब मैं अपने वतन में स्थापित होने की योजना बन चुका था।हां वह शयित विनोद के नाम से जानती थी-एक ऐसा इन्सान जो नबुझ पहेली है। यूं तो विनोद का मेरे अतीत से अधिक गहरा और पुराना सम्बन्ध नहीं था। उसके बारे में सुना बहुत था परन्तु पहली बार मुलाकात को में हुई थी और वहां भी मुझे विनोद के हाथों शिकस्त बानी पड़ी थी अपनी किश्त को स्वीकार करने में मुझे प्रकार की हिचक नहीं है। वह जिन्दगी में मेरी पहली शिक मी- जिन्दगी से मेरा मतलब तब से है जब से मैंने होत
किसी मेरी तो बहुत लम्बी है और उसे याद रखो भी मेरे लिए सम्भव नहीं है – जैसे-जैसे समय बीतता जाता है इन्सान अपने माजी को भूलता जाता है, परन्तु कुछेक घटनाएं उसके जीवन में ऐसी अवश्य घटती हैं जिन्हें वह कभी नहीं ‘सुखा पाता और जब वह तन्हा होता है-खादी होता है तो ये बातें अवश्य हो उसे याद आ जाती है। यही हाल इस समय मेरा था।
Name: Binod Aur Halaku
Format: PDF
Language: Hindi
Pages: 267
Size: 23 MB
Novel Type: Thrillers & Suspense, Action & Adventure
Writer: Parshuram Sharma
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