Free Download Maharani Parshuram Sharma Hindi Novel Pdf
भगवान राम के स्पर्श से अहिल्या जीवित हो उठी थी और शिवशंकर के स्पर्श से जीवित हुई रूपकंवल । पार्वती ने जब रूपवन में उस सुन्दर प्रतिमा को देखा तो उनसे यह अन्याय सहा न गया कि भोले बाबा का कोई भक्त किसी सुन्दर स्त्री को पत्थर बनाकर खड़ा कर दे । भोले भंडारी तो हैं ही भोले – भस्मासुर को भी उन्होंने वरदान दिया – रावण भी उनका भक्त था । वे बड़ी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं – तब भला पार्वती का निवेदन कैसे ठुकराते – और उनके स्पर्श से रूपकंवल जिन्दा हो गई । एक राक्षसी का फिर से सूर्य उदय हो गया और बस्तियां वीरान होने लगी । यहाँ से शुरू होती है एक ऐसी जिन्दा पिशाचनी की कहानी जिसकी जवानी इन्सानी लहू पीकर बरकरार थी । उसके शरीर में हजारों सांपों का जहर था – जिस जगह उसके कदम पड़े शैतान और पिशाचों का तांडव शुरू हो गया – उसका सफर आखिर जयगढ़ के राज परिवार में जाकर थमा – और रियासत में आग लग गई – हाहाकार मच गया – राजा ने बेटे को मरवा दिया – रूपकंवल बड़ा ही विनासक खेल, खेल रही थी – जिसका खून वह पीती थी वह पिघल कर पानी हो जाता था । फिर क्या हुआ – फिर क्या हुआ -?
Name: Maharani
Format: PDF
Language: Hindi
Pages: 218
Size: 3 MB
Novel Type: Thrillers & Suspense, Fantasy, Mystery, Horror
Writer: Parshuram Sharma
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